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Minimal Invasive Treatment For Spine Related Problems

धीरे-धीरे गर्दन व कमरदर्द बढऩा, हाथ-पैरों में कमजोरी, सुन्न व झनझनाहट महसूस होना, यूरिन व स्टूल को कंट्रोल न कर पाना, चलने में परेशानी और कंपन होना।

गलत आसन व पोज में बैठने या उठने, खराब जीवनशैली व अनियमित खानपान से रीढ़ की हड्डी में खिंचाव पैदा होता है। इन आदतों के लंबे समय तक बने रहने से रीढ़ से जुड़ी मांसपेशियों में कमजोरी व तनाव आता है।

रीढ़ की हड्डी में ३३ हड्डियां होती हैं। इनके बीच में रबर के छल्ले की तरह जैली जैसी होती हैं। ये रीढ़ की हड्डी के मूवमेंट में मददगार हैं। चोट या रोग के कारण अपनी जगह से खिसकने पर रीढ़ की हड्डी व इससे निकलने वाली नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे बहुत तरह की बीमारियां होने लगती है।

हमारे न्यूरो स्पाइन सेंट्रे के विशेषज्ञों और डॉक्टरों से परामर्श करें जिनके पास रोगियों को नॉन-सर्जिकल उपचार देने का वर्षों का अनुभव है।

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Address: JPRC Neuro-Spine Centre, Govind Marg, Sethi Colony, Jaipur

Phone: +91-8048034855

Email: info@neuro-spinehospital.com

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Uploaded on February 10, 2020