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मेरा काम राज्य के काम में दखलंदाजी करना नहीं. My Job is not to Interfere in #Haryana State\'s Admin

कहते हैं लोहे को लोहा काटता है इसकी ज़िंदा मिसाल हैं भिवानी कि सांसद धर्मबीर. धर्मबीर सिंह का राजनीतिक पदार्पण देवीलाल के सहयोग से शुरू हुआ, या यूं कहा जाए कि धर्मबीरको राजनीति में लाने वाले देवीलाल ही थे. देवीलाल के सामने चुनौती थी कि हरियाणा के दिग्गज नेता चौधरी बंसीलाल का वर्चस्व भिवानी में कैसे ध्वस्त किया जाए. धर्मबीर सिंहउन दिनों उभरते हुए नेता थे, चौधरी देवी लाल ने उनमें बंसीलाल के राजनीतिक वर्चस्व को ध्वस्त करने की चिंगारी नजर आईं. यहीं से काम शुरू हुआ. धर्मबीर सिंहअब तक बंसीलाल की तीनों पुश्तों को हराया है . साल 1987 में धर्मबीर सिंहने चौधरी बंसीलाल को तोशाम विधानसभा सीट से हरा दिया. इसके बाद उन्होंने बंसीलाल के पुत्र सुरेन्द्र सिंह को साल 2000 में तोशाम विधानसभा सीट से हरा कर अपनी छाप स्थापित कर दी. इसके बाद धर्मबीर सिंहने चौधरी बंसीलाल के पुत्र सुरेन्द्र सिंह और पौत्री श्रुति चौधरी को 2014 और 2019 के लोकसभा संसदीय चुनाव क्षेत्र भिवानी चुनाव क्षेत्र से हरा कर के ये जता दिया की वो भिवानी लोकसभा के निर्विवाद नेता हैं. पेश है धर्मवीर सिंह से अनिल त्यागी की बातचीत

Dharambir Singh is a member of Lok Sabha from Bhiwani-Mahendragarh (Lok Sabha constituency), Haryana. He won the 2014 and 2019 Indian general elections, being a Bharatiya Janata Party member.

During his political career, he is famous for defeating the 3 generations of Bansi Lal family. He has also lost many elections against members of that family. He defeated Bansi Lal from Tosham (Vidhan

 

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Uploaded on October 25, 2023