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ग्रह शांति एस्ट्रोलॉजर

ग्रह शांति एस्ट्रोलॉजर

राहू कूटनीति का सबसे बड़ा ग्रह है राहू संघर्ष के बाद सफलता दिलाता है यह कई महापुरुषों की कुंडलियो से स्पष्ट है राहू का 12 वे घर में बैठना बड़ा अशुभ होता है क्योकि यह जेल और बंधन का मालिक है 12 वे घर में बैठकर अपनी दशा, अंतरदशा में या तो पागलखाने में या अस्पताल और जेल में जरूर भेजता है। किसी भी कुंडली में राहू जिस घर में बैठता है 19 वे वर्ष में उसका फल दे कर 20 वे वर्ष में नष्ट कर देता है राहू की महादशा 18 वर्ष की होती है। राहू चन्द्र जब भी एक साथ किसी भी भाव में बैठे हुए हो तो चिंता का योग बनाते है।

राहू की अपनी कोई राशी नहीं है वह जिस ग्रह के साथ बैठता है वहा तीन कार्य करता है।

 

1 उस ग्रह की सारी शक्ति समाप्त कर देता है।

2 उसकी शक्ति स्वयं ले लेता है।

3 उस भाव में अत्यधिक संघर्ष के बाद सफलता देता है।

कुंडली मे राहु के अशुभ होने के कुछ योग

प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ, सप्तम, नवम, दशम तथा एकादश भाव में राहु की स्थिति शुभ नहीं मानी जाती हैं। परन्तु कुछ विद्वान तीसरे, गृह शांति छठे तथा ग्यारहवें भाव राहु की स्थिति को शुभ भी मानते हैं। नीच अथवा धनु राशि का राहु, अशुभ फल देता हैं।

 

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Uploaded on November 28, 2022