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ज्ञान गंगा में हुआ पापों का क्षय
मैंने पंद्रह साल पहले ज्ञान लिया है पर मेरी माँ क्रमिक मार्ग का पालन करती है। मैंने उनको समझाया की दादाजी के ज्ञान गंगा में जो स्नान करेंगे तो ज्यादा फायदा मिलेगा। मगर उनकी ज़िद थी की पुण्योदय और पाप को क्षय करने के लिए पुरषोत्तम महीने में बनारस के विवध घाट और नदियों में स्नान करना जरुरी है। हमारे ऐसा करने पर यह अनुभव रहा की इससे निर्धारित हेतु की प्राप्ति नहीं हुई। आज मैं इस अक्रम ज्ञान से लगातार जुडा हुआ हूँ और इस ज्ञान और पांच आज्ञा रूपी घाट में डुबकी लगाकर ज्ञान की प्रगति और पापों के क्षय होने की अनुभूती कर रहा हूँ। इसी ज्ञान में प्रगति के हेतु से मैंने स्वैछिक रिटायर्मेंट ले लिया है और अपना जीवन यहाँ देने का संकल्प लिया है।
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ज्ञान गंगा में हुआ पापों का क्षय
मैंने पंद्रह साल पहले ज्ञान लिया है पर मेरी माँ क्रमिक मार्ग का पालन करती है। मैंने उनको समझाया की दादाजी के ज्ञान गंगा में जो स्नान करेंगे तो ज्यादा फायदा मिलेगा। मगर उनकी ज़िद थी की पुण्योदय और पाप को क्षय करने के लिए पुरषोत्तम महीने में बनारस के विवध घाट और नदियों में स्नान करना जरुरी है। हमारे ऐसा करने पर यह अनुभव रहा की इससे निर्धारित हेतु की प्राप्ति नहीं हुई। आज मैं इस अक्रम ज्ञान से लगातार जुडा हुआ हूँ और इस ज्ञान और पांच आज्ञा रूपी घाट में डुबकी लगाकर ज्ञान की प्रगति और पापों के क्षय होने की अनुभूती कर रहा हूँ। इसी ज्ञान में प्रगति के हेतु से मैंने स्वैछिक रिटायर्मेंट ले लिया है और अपना जीवन यहाँ देने का संकल्प लिया है।
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