easyspirituality
मनुष्य जीवन का अंतिम ध्येय
जीवन का एकमात्र ध्येय तमाम दुःखोसे मुक्ति पाना वह हैं |व्यवहार दुःख देनेवाला नहीं हैं, व्यवहार में अज्ञानता दुःख देनेवाली है | अगर हमें आत्मसाक्षात्कार हो गया तो इसी संसार व्यवहार में रहकर हम तमाम दुःखो से मुक्ति में रह सक्ते हैं।
To know more please click on:
In English: www.dadabhagwan.org/self-realization/
In Hindi: hindi.dadabhagwan.org/self-realization/
In Gujarati: www.dadabhagwan.in/self-realization/
मनुष्य जीवन का अंतिम ध्येय
जीवन का एकमात्र ध्येय तमाम दुःखोसे मुक्ति पाना वह हैं |व्यवहार दुःख देनेवाला नहीं हैं, व्यवहार में अज्ञानता दुःख देनेवाली है | अगर हमें आत्मसाक्षात्कार हो गया तो इसी संसार व्यवहार में रहकर हम तमाम दुःखो से मुक्ति में रह सक्ते हैं।
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