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Aatmashodh, Guru Rahuleshwar, Bhagya Manthan

जन्म और मृत्यु के बीच यह संसार का जो विस्तार है और यह पर नाना प्रकार के प्रपंच है केवल इनमें उलझे रहने के लिए यह जीवन नहीं मिला है। इस जीवन को सफल तभी बनाया जा सकता है जब जन्म-मृत्यु के बीच इन प्रपंचों को समझते हुए निष्कपट रुप से स्वयं पर आत्मशोध किया जाय और परमात्मा का हमें यहाँ भेजने का परम उद्देश्य समझा जाये।

 

किसी भी कारण से यदि आप केवल इन प्रपंचो में ही फंसे रहते है और नियमित आत्ममंथन और आत्मशोध नहीं करते है तो परमात्मा द्वारा दिया गये इस जीवन का अपमान है।

 

।। नमो नारायण ।।

 

गुरु राहुलेश्वर, भाग्य मंथन

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Uploaded on May 29, 2021