bhagyamanthan
Jai Veer Hanuman, Guru Rahuleshwar, Bhagya Manthan, जय वीर हनुमान, गुरु राहुलेश्वर, भाग्य मंथन, Best Astrologer, Vedic Brahmin, Vedic Pandit, Vedic Tantrik, Guru Ji, वैदिक ब्राह्मण, वैदिक पंडित, ज्योतिष गुरु, Jyotish Guru
शास्त्रों के अनुसार माँ गायत्री को वेदमाता माना गया है और गायत्री मंत्र को सभी मंत्रों की जननी बताया गया है। गायत्री मंत्र के नियमपूर्वक जाप करने से समस्त पापों का नाश होता है।
पूर्व जन्म के संस्कारों के कारण हमें वर्तमान शरीर प्राप्त होता है और द्वादश राशियों में किसी एक राशि में हमारा जन्म होता है। प्रारब्ध कर्मों के प्रभाव के कारण सत्व, रज और सम गुणों के आधार पर वर्तमान जन्म में हमें अलग-अलग देवी देवताओं के प्रति रुचि स्वतः ही उत्पन्न होती है और ऐसे में उनके गायत्री मंत्र के अनुसार पूजन करना बहुत शुभ व तेजी से अच्छे परिणाम देने वाला साबित होता है।
आज मंगलवार है और मंगलवार विशेष रुप से मंगल ग्रह और वीर हनुमान के पूजन के लिए जाना जाता है। हनुमान जी वीरों में वीर है और अष्टचिरंजीवी भी है और कलयुग में जागृत देवताओं में से एक है। इनके पूजन से जीव का अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण बढ़ता है, पापमार्ग से जीव तेजी से दूर होता है और सदमार्ग पर चलकर जीवन का सदुपयोग कर पाता है।
गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए तीन समय मुख्य है जिसमें सर्वप्रथम प्रातःकाल, सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जाप शुरु करें और सूर्योदय के पश्चात् तक करें।
दूसरा समय दोपहर का होता है और
तीसरा समय शाम के समय सूर्यास्त के कुछ देर पहले मंत्र जाप शुरु करना चाहिए और सूर्यास्त होने के कुछ देर बाद तक जाप करना चाहिए।
वीर हनुमान के पूजन हेतु गायत्री मंत्र आपकी सुविधा के लिए यहाँ दिया गया है।
ॐ आंजनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनूमान् प्रचोदयात् ॥
गायत्री मंत्र का जाप करते समय एक बात का ध्यान रखें कि इस मंत्र का जाप करते समय बहुत तेज या बहुत धीमें उच्चारण नहीं करना चाहिए ब्लकि मध्यम स्वर में उच्चारण करना चाहिए।
गुरु राहुलेश्वर
भाग्य मंथन
#gururahuleshwar #rahuleshwar #guruvichar #thoughtfultuesday #tuesdaymotivation #spiritualtuesday #tuesdaymantra #positivetuesday #bhagyamanthan #tuesdaypower #powerfultuesday
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पूर्व जन्म के संस्कारों के कारण हमें वर्तमान शरीर प्राप्त होता है और द्वादश राशियों में किसी एक राशि में हमारा जन्म होता है। प्रारब्ध कर्मों के प्रभाव के कारण सत्व, रज और सम गुणों के आधार पर वर्तमान जन्म में हमें अलग-अलग देवी देवताओं के प्रति रुचि स्वतः ही उत्पन्न होती है और ऐसे में उनके गायत्री मंत्र के अनुसार पूजन करना बहुत शुभ व तेजी से अच्छे परिणाम देने वाला साबित होता है।
आज मंगलवार है और मंगलवार विशेष रुप से मंगल ग्रह और वीर हनुमान के पूजन के लिए जाना जाता है। हनुमान जी वीरों में वीर है और अष्टचिरंजीवी भी है और कलयुग में जागृत देवताओं में से एक है। इनके पूजन से जीव का अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण बढ़ता है, पापमार्ग से जीव तेजी से दूर होता है और सदमार्ग पर चलकर जीवन का सदुपयोग कर पाता है।
गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए तीन समय मुख्य है जिसमें सर्वप्रथम प्रातःकाल, सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जाप शुरु करें और सूर्योदय के पश्चात् तक करें।
दूसरा समय दोपहर का होता है और
तीसरा समय शाम के समय सूर्यास्त के कुछ देर पहले मंत्र जाप शुरु करना चाहिए और सूर्यास्त होने के कुछ देर बाद तक जाप करना चाहिए।
वीर हनुमान के पूजन हेतु गायत्री मंत्र आपकी सुविधा के लिए यहाँ दिया गया है।
ॐ आंजनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो हनूमान् प्रचोदयात् ॥
गायत्री मंत्र का जाप करते समय एक बात का ध्यान रखें कि इस मंत्र का जाप करते समय बहुत तेज या बहुत धीमें उच्चारण नहीं करना चाहिए ब्लकि मध्यम स्वर में उच्चारण करना चाहिए।
गुरु राहुलेश्वर
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