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Shri Radhe Guru Maa Navami

माता सिद्धिदात्री

नवरात्रि के नवमें दिन माँ दुर्गाजी के नवमें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की पूजा एवं अर्चना की जाती है। सिद्धिदात्री माँ सभी सिद्धियाँ प्रदान करने वाली माता है। कमल के पुष्प पर विराजमान यह माता अत्यंत शोभायमान लगती हैं। इनकी चार भुजाएँ हैं, इनके ऊपर का दाहिने हाथ में गदा तथा नीचे वाले हाथ में चक्र है। ऊपर वाले बायें हाथ में कमल का पुष्प है तथा नीचे के बायें हाथ में शंख हैं। इनका वाहन सिंह है। नवरात्रि के आखिरी दिन कन्याओं को भोग लगाया जाता है। चमेली, बेला का पुष्प माँ को अत्यंत प्रिय है पूजा के दौरान इसे जरूर चढाएँ। नवमी के दिन माता रानी को तिल का भोग लगाने से अनहोनी की आशंका समाप्त होती है। विधि-विधान से नवरात्री के नवमें दिन सिद्धिदात्री माता की उपासना करने से सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। मध्य कपाल में इनका ध्यान किया जाता है। इनका पूजन करने से केतू के दोष दूर होते हैं। माता सिद्धिदात्री अपने साधक को उन्नति, रोजगार, कार्यक्षेत्र में सफलता एवं जीवन की हर बाधा से मुक्ति प्रदान करती हैं।

नवरात्रि की शुभकामनाएं

 

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Uploaded on October 25, 2020