bhagyeshchavda
2 Line Shayari, Kadhi dhoop me
via Blogger ift.tt/2e7ziSw
मैं कड़ी धुप में चलता हु इस यकींन के साथ,
मैं जलूँगा तो मेरे घर में उजाले होंगे.!!
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई..
हम न सोए रात थक कर सो गई.
लफ़्ज़ों से बना इंसाँ लफ़्ज़ों ही में रहता है..
लफ़्ज़ों से सँवरता है लफ़्ज़ों से बिगड़ता है .
ज़िंदगी ज़ोर है रवानी का… क्या थमेगा बहाव पानी का.
रोती है आँख जलता है ये दिल जब..
अपने घर के फेंके दिये से आँगन पराया जगमगाता है.
क्या साथ लाए क्या छोड़ आए..
रस्ते में हम मंज़िल पे जा के ही याद आता है.
आदमी मुसाफ़िर है आता है जाता है..
आते-जाते रस्ते में यादें छोड़ जाता है.
कोई भी हो हर ख़्वाब तो अच्छा नही होता..
बहुत ज्यादा प्यार भी अच्छा नहीं होता है.
इन ग़म की गलियों में कब तक ये दर्द हमें तड़पाएगा..
इन रस्तों पे चलते-चलते हमदर्द कोई मिल जाएगा.
जो बात निकलती है दिल से कुछ उसका असर होता है..
कहने वाला तो रोता है सुनने वाला भी रोता है.
ift.tt/2e7AcOX 2 Line Shayari, Hindi Shayari
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मैं कड़ी धुप में चलता हु इस यकींन के साथ,
मैं जलूँगा तो मेरे घर में उजाले होंगे.!!
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई..
हम न सोए रात थक कर सो गई.
लफ़्ज़ों से बना इंसाँ लफ़्ज़ों ही में रहता है..
लफ़्ज़ों से सँवरता है लफ़्ज़ों से बिगड़ता है .
ज़िंदगी ज़ोर है रवानी का… क्या थमेगा बहाव पानी का.
रोती है आँख जलता है ये दिल जब..
अपने घर के फेंके दिये से आँगन पराया जगमगाता है.
क्या साथ लाए क्या छोड़ आए..
रस्ते में हम मंज़िल पे जा के ही याद आता है.
आदमी मुसाफ़िर है आता है जाता है..
आते-जाते रस्ते में यादें छोड़ जाता है.
कोई भी हो हर ख़्वाब तो अच्छा नही होता..
बहुत ज्यादा प्यार भी अच्छा नहीं होता है.
इन ग़म की गलियों में कब तक ये दर्द हमें तड़पाएगा..
इन रस्तों पे चलते-चलते हमदर्द कोई मिल जाएगा.
जो बात निकलती है दिल से कुछ उसका असर होता है..
कहने वाला तो रोता है सुनने वाला भी रोता है.
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