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भारतीय सशस्त्र बलों के रक्षा प्रमुख जन. विपिन रावत की आत्मशांति केलिए। 8 Dec 2021 ।कैलाश, स्वामी नित्यानंद दर्दनाक हादसे में मृत सभी 13 लोगों की आत्मशांति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं

भारतीय सशस्त्र बलों के रक्षा प्रमुख जनरल विपिन रावत की आत्मशांति के लिए।। 8 दिसंबर 2021 ।।

कैलाश और स्वामी नित्यानंद परमशिवम कून्नूर, तमिलनाडु के दर्दनाक हेलीकॉप्टर हादसे में मृत सभी 13 लोगों की आत्मशांति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करते हैं। यह Mi-17 हेलीकॉप्टर बुधवार 08 दिसंबर 2021 को रक्षा सेवा प्रमुख जनरल विपिन रावत, उनकी पत्नी, उनके सुरक्षा सहायक, सुरक्षा कमांडोज और भारतीय वायुसेना के कर्मियों को ले जा रहा था।

जनरल बिपिन रावत की विशिष्ट सेवाओं को हमेशा सम्मान सहित याद किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, स्वामी जी मृत आत्माओं के परिवारों को इस हादसे से उबर पाने की क्षमता देने के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। विश्व शांति की जिम्मेदारी लेते हुए कैलाश का मानव सेवा विभाग मृत आत्माओं की शांति के लिए स्वामी जी के चरणों में 19 दिसंबर 2021 (पूर्णिमा) के दिन महेश्वर पूजा अर्पित करेगा।

स्त्रोत का लिंक : www.ndtv.com/india-news/general-bipin-rawats-chopper-cras...

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About Maheshwara Puja:

महेश्वर पूजा के विषय में :

महेश्वर पूजा हिंदू धर्म का प्राचीनतम अनुष्ठान है जो वैदिक परंपरा में आज भी प्रचलित है। महेश्वर पूजा में भगवान परम शिव के 1008 वें अवतार स्वामी नित्यानंद परमशिवम स्वयं पूजा और नैवेद्यम भिक्षा (भोजन दान) ग्रहण करते हैं।

महेश्वर पूजा उनके साथ गहन पूर्णत्व के लिए आयोजित की जाती है जो शरीर छोड़ चुके हैं और एक नए शरीर में नए जीवन और नए वातावरण में जा चुके हैं परंतु कर्म के तल पर अभी भी पुराने अपूर्णताओं में फंसे हुए हैं। स्वामी जी पित्तरों को आशीर्वाद देते हैं और उन्हें उनकी मुक्ति की यात्रा के लिए पिंड या भोजन प्रदान करते हैं।

सोमशम्भू पद्धति कहती है, यह किसी नदी, जल युक्त स्थान, किसी तालाब या किसी पवित्र स्थल में श्राद्ध या पिंडदान अर्पित करने से कई हजार गुना अधिक उत्तम है। परम शिव के जीवित अवतार के जठर में अर्पित करना पिंड तर्पण या श्राद्ध करने का सबसे अच्छा तरीका है।

हिंदू धर्म में जहां श्राद् मे सन्यासियों को मृत आत्माओं के साथ पूर्णत्व प्राप्त करने के लिए भोजन अर्पित किया जाता है महेश्वर पूजा कहलाता है।

सोमशंभू पद्धति में, श्राद्ध विधि, श्लोक 3

लिङ्गिनो ब्राह्मणाद्याश्च श्राद्धीयाः शिवदीक्षिताः ।

अर्थात “सन्यासी और ब्राह्मण जो शिव दीक्षा में दीक्षित हो वह श्राद्ध में पितरों के प्रतिनिधि बनने के योग्य हैं”।

(पवित्र महेश्वर पूजा एक महीने में दो बार हर अमावस्या और पूर्णिमा को हो रही है)

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महेश्वर पूजा के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक में क्लिक करें

: kailaasa.org/maheshwarapuja/

पेमेंट लिंक: gateway.nithyanandahinduuniversity.org/product/maheshwara...

पेमेंट डिटेल फॉर्म

: tiny.cc/psm2-sevas

टेस्टिमोनियल्स:

www.youtube.com/watch?v=li6ppSH5TVo&ab_channel=MaNith...

youtu.be/Er5ai3AjI0Y

youtu.be/5LW6eJxCbrc

 

इस विषय पर हमारी नित्यानंद हिंदू यूनिवर्सिटी कोर्स में शामिल होने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: nithyanandahinduuniversity.exphosted.com/coursepage/6995/...

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Uploaded on December 12, 2021